काठमांडू। भारत तथा चीन ने अप्रैल एवं मई में आए प्रलयकारी भूकम्प के कारण बर्बाद हुए नेपाल के पुनर्निर्माण के लिए 1.5 अरब डॉलर की मदद देने की घोसना की है। नेपाल में दो भूकम्प 25 अप्रैल और 22 मई को आये थे, जिसमे 8832 लोगों की मौत हो गयी थी और 22 हजार लोग घायल हो गए थे। इससे हजारो लोग बेघर हो गए।
नेपाल ने 6.6 अरब डॉलर की सहायता की जरुरत बताई है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सहायता सम्मलेन में कहा कि भारत एक अरब डॉलर की सहायता देगा। जिसमे एक तिहाई की रकम अनुदान के रूप में होगी। शेष राशि वह ऋण के रूप में देगा। भारत नेपाल को अगले पांच वर्ष में दो अरब डॉलर की सहायता देगा।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 48.3 करोड़ डॉलर की सहायता की घोषणा की है। चीन के मंत्री ने यह साफ़ नही किया की यह राशि अनुदान के रूप में होगी या ऋण के रूप में।
28 लाख लोगों को मदद की दरकार : सरां
सयुंक्त राष्ट्र ने वीरवार को कहा कि नेपाल में आए विनासकारी भूकम्प के दो महीने बाद भी करीब 28 लाख लोगों को मानवीय सहायता की जरुरत है। सयुंक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक जैमी मेकगोल्ड्रींक ने कहा कि अस्थाई बसेरों, भोजन और जीविका की मदद, बुनियादी चिकित्सा देखभाल, शौच और सफाई अब भी प्रमुख जरूरतें बनी हुई है। उन्होंने कहा की मानवीय समुदाय नेपाल सरकार की उसके मानवीय जरूरतों को पूरा करने में प्रयास जारी रहेगा।