आजकल एंड्रॉइड यूजर अपने मोबाइल में क्लीनर और बूस्टर सॉफ्टवेयर यूज़ करते है। आइये जानते है इन सॉफ्टवेयर के फायदे और नुकसान :
कुछ ऐप्स जो मोबाइल का डेटा हैकर के साइबर क्रिमिनल्स को भेज रहे होते हैं :
इन ऍप्स के जरिये हैकर्स ,ऍप्स यूजर का पर्सनल डाटा चुरा लेते है। सबसे बड़ा उदाहरण क्लीनिंग ऐप्स।
स्मार्टफोन यूजर्स फ़ोन को फ़ास्ट करने का दावा करने वाले ऐप्स इंस्टॉल कर लेते हैं। जो कुछ समय तक तो फोन को फास्ट कर देते है, लेकिन बाद में उनका ही नुकसान होता है।
लेटेस्ट स्मार्टफोन्स में इनबिल्ट क्लीनिंग फीचर दिए जाते हैं ,आप कैशे मेमोरी और डेटा क्लियर करने के लिए उन्हें यूज कर सकते हैं। ये इनबिल्ड ऍप्स सुरक्षित होते है।
डाउनलोड करने वाले क्लीनर ऐप फोन की स्पीड तो बढ़ा देंगे। लेकिन इंस्टॉल करते ही सबसे पहले वो फोन की कई परमिशन लेते हैं। ऐसे में आप हैकिंग का शिकार हो सकते हैं। या आपके फोन की बैटरी तेजी से ड्रेन हो सकती है, मोबाइल डेटा तेजी से खत्म हो सकता है ,फोन में मैलवेयर आने का खतरा हो सकता है ,
क्लीनर ऐप्स का काम :
क्लीनर ऐप्स का काम जंक फाइल्स और कैशे को क्लियर करने का होता है। क्लीनर ऐप्स फोन में चल रहे बैकग्राउंड ऐप्स और प्रोसेस को भी रोकते हैं ताकि आपका फोन फास्ट काम कर सके।
कई क्लीनर ऐप्स बेसिक काम करने के आलावा आपका डेटा भी हासिल करते हैं।हैकर्स उन ऐप्स से आपका डेटा लेकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्लीनर ऐप यूज करने से पहले पब्लिशर के बारे में गूगल कर लें। चेक कर लें कि उस ऐप की तरफ से कभी फ्रॉड तो नहीं किया गया है और उसका ऐप पब्लिशर कितना क्रेडिबल है।