श्रीलंका में राजनैतिक और आर्थिक संकट जोरों पर है। कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने पीएम महिंदा राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
क्या श्रीलंका में बनेगी सर्वदलीय सरकार?
पीएम के बेटे नमल राजपक्षे ने भी अपने सभी पदों को तुरंत छोड़ दिया है। इस बारे में उन्होंने बताया है कि मैंने सभी विभागों से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी राष्ट्रपति को भी दे दी गई है। उम्मीद है कि इस कदम से देश में स्थिरता पैदा हो पाएगी। श्रीलंका में जल्द ही एक सर्वदलीय सरकार का गठन किया जा सकता है। इस सरकार में विपक्ष के नेताओं को भी किया जाएगा।
जनता का आंदोलन :
श्रीलंका में चल रहा 36 घंटे का कर्फ्यू अब समाप्त हो गया है। हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सरकार की तरफ से ये कर्फ्यू लगाया गया था। कर्फ्यू के दौरान नागरिकों को किसी भी तरह के प्रदर्शन में हिस्सा लेने की मंजूरी नहीं थी। लेकिन फिर भी श्रीलंका की सड़कों पर कई जगह जोरदार प्रदर्शन होते दिख गए, पुलिस को भी आंसू गैस के गोले दागने पड़े। अभी भी जमीन पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रदर्शन कर रहे लोग सिर्फ सरकार के मंत्रियों का इस्तीफा नहीं मांग रहे हैं, बल्कि उनके निशाने पर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भी हैं जिन्हें इस आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
चुनौतियां :
श्रीलंका को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कागज की किल्लत की वजह से छात्रों की परीक्षाओं को रद्द किया जा रहा है, बिजली बचाने के लिए स्ट्रीट लाइट बंद की जा रही हैं। श्रीलंका में अब खाद्य पदार्थों की भी भारी कमी होने लगी है। लोगों के पास खाना नहीं है, रसोई गैस उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
श्रीलंका की मदद के लिए भारत की तरफ से चावल ,डीजल,और दवाईयां भेजी जा रही है।