हिमाचल प्रदेश में सोमवार को बादल फटने से आए फ्लैश फ्लड को करीब 72 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन बर्बादी और तबाही की कहानियां अभी भी सामने आ रही हैं।
पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण ज़बरदस्त तबाही हो रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित हिमाचल प्रदेश औऱ उत्तराखंड के इलाके हैं, जहां पर कई जगह पर लैंडस्लाइड हुआ है। इसकी वजह से जगह-जगह लंबा जाम लगा है और यहां पर आए टूरिस्ट फंस गए है।
धर्मशाला के पास बोह गांव में मलबे की चपेट में कुछ घर आ गए थे, यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
यहां से अब तक छह शव निकाले जा चुके हैं। धर्मशाला के पास गज्ज खड्ड में पानी किसी बड़ी नदी की तरह बह रहा है। धर्मशाला के गग्गल एयरपोर्ट के पास से गुजरने वाला मंडी-पठानकोट हाईवे की करीब 184 से अधिक लिंक रोड भी लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गई हैं।
फ्लैश फ्लड से गज्ज खड्ड में आए उफान ने हाईवे पर भारी तबाही मचाई है। हाईवे का का बड़ा हिस्सा कट चुका है, सड़कों पर पानी है। लोग बेबसी में बर्बादी का मंजर देख रहे हैं। सड़क कटने और फ्लैश फ्लड का मलबा आने से हाईवे पर लंबा जाम लगा है।
काँगड़ा जिले का हाल : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भारी बारिश के बाद आए सैलाब के कारण फंसे पांच ग्रामीणों को बचा लिया गया है। एक सुदूरवर्ती गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भीषण भूस्खलन से कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और एक व्यक्ति की मौत हो गई, नौ लोग अब भी लापता हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कांगड़ा जिले की बोह घाटी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और बाद में प्रभावित परिवारों से मुलाकात की उन्होंने हुए नुकसान का जायजा लिया और क्षेत्र के प्रभावित परिवारों से मुलाकात की उन्होंने जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करने के निर्देश दिए।
यहां के मौसम ब्यूरो ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर, शिमला,सिरमौर और सोलन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है, इसके बाद बारिश की तीव्रता कम हो सकती है।