समाज को विकसित बनाने में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चे की अनौपचारिक शिक्षा तो घर पर ही शुरू हो जाती है लेकिन औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल जाना जरूरी है। कुछ लोग घर में रहकर ही पढ़ाई पूरी करते हैं तो वहीं कुछ बड़े-बड़े स्कूलों में दाखिला लेते हैं। गांव में बच्चे पाठशाला में जाकर ज्ञान प्राप्त करते हैं। लोग अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार हिंदी या इंग्लिश मीडियम स्कूल का चयन करते हैं।
पाठशाला हो या कॉन्वेंट स्कूल या ट्यूशन ,होम वर्क हर जगह दिया जाता है। टीचर्स स्टूडेंट्स को होमवर्क देते हैं। सही होमवर्क करने पर सराहा जाता है जबकि न करने पर सजा भी दी जाती है।
होमवर्क किसी बच्चे को पसंद नहीं होता। हर बच्चा होमवर्क बनाने वाले को कोसता है।
आखिर कौन है वो जिसने होमवर्क की शुरुआत की :
होमवर्क की शुरूआत इटली के एक टीचर Roberto Nevilis ने 1905 में की। Roberto पेशे से एक शिक्षक थे।उनका उद्देश्य बच्चे को सज़ा के साथ -साथ कुछ सिखाना था।