विराट कोहली को वनडे की कप्तानी से हटाया गया है और रोहित शर्मा अब टी-20, वनडे के कप्तान हैं।
टी-20 वर्ल्डकप खत्म होने के बाद साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टीम का ऐलान होने से भारतीय क्रिकेट में लीडरशिप को लेकर एक अजीब-सी बहस छिड़ गई है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने टी-20 के बाद वनडे टीम का कप्तान बदलने का भी फैसला किया। अध्यक्ष सौरव गांगुली की ओर से तर्क दिया गया कि व्हाइट बॉल क्रिकेट में अलग-अलग लीडरशिप होना गलत है। ऐसे में साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टीम इंडिया की टेस्ट टीम का जब ऐलान हुआ, तब BCCI ने विराट कोहली को वनडे की कप्तानी से हटा दिया और टी-20 के साथ-साथ वनडे की कमान भी रोहित शर्मा के हाथ में दे दी।
विराट बनाम रोहित ?
विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अनबन हो गई है। . इसी विवाद के बीच रोहित शर्मा को चोट लग गई और वो साउथ अफ्रीका में होने वाली टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए।
विराट कोहली की बेटी वामिका का जन्मदिन 11 जनवरी को है,इसलिए विराट कोहली साउथ अफ्रीका में होने वाली वनडे सीरीज में नहीं खेलेंगे।
विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच चल रही इन अटकलों के कारण भारतीय क्रिकेट एक अलग तरह की अधर में फंस गई है।अलग-अलग फॉर्मेट के कप्तान ,अलग-अलग ग्रुप और अलग-अलग फैंस भी आपस में भिड़े हुए हैं।
विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ही 30 की उम्र को पार कर चुके हैं, ऐसे में अगर लंबे वक्त के प्लान के हिसाब से चलना है तो बीसीसीआई को एक ऐसे लीडर को तैयार करना होगा जो आने वाले 5-7 साल तक टीम इंडिया की अगुवाई कर सके।
केएल राहुल :
कर्नाटक के राहुल ऐसे खिलाड़ी हैं, जो तीनों फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही लगातार टीम इंडिया का हिस्सा हैं, केएल को हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में उप-कप्तान बनाया गया था। ऐसे में भविष्य के लीडर के तौर पर उनका नाम सबसे पहले आना लाजिमी है। केएल राहुल अभी तक आईपी एल में पंजाब किंग्स की कमान भी संभाल रहे थे, भले ही उनकी टीम बेहतर ना कर पाई हो लेकिन उनकी कप्तानी, बल्लेबाजी पर किसी ने सवाल खड़े नहीं किए।
ऋषभ पंत:
महेंद्र सिंह धोनी के बाद ऋषभ पंत ने पिछले एक-दो साल में काफी नाम कमाया है। एक वक्त पर उनपर सवाल खड़े होते थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे ने सबकुछ बदल दिया। बल्लेबाज में ऋषभ का प्रदर्शन बेहतर हुआ है, बतौर विकेटकीपर भी उनकी गलतियां अब कम होने लगी हैं।
आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करना ऋषभ के लिए फायदेमंद साबित हुआ। क्योंकि उनकी कप्तानी में दिल्ली की टीम फाइनल में पहुंची, ऋषभ की तारीफ होने लगी और उनके भीतर छुपा हुआ एक लीडर सभी के सामने आ गया। हर किसी को हैरानगी तब हुई, जब दिल्ली कैपिटल्स ने बतौर लीडर श्रेयस अय्यर की जगह ऋषभ पंत को तवज्जो देना शुरू कर दिया। जिससे साफ हो गया कि ना सिर्फ फ्रेंचाइजी क्रिकेट बल्कि इंटरनेशनल क्रिकेट में भी ऋषभ को भविष्य का लीडर माना जा सकता है।
श्रेयस अय्यर:
ऋषभ पंत से पहले दिल्ली कैपिटल्स की अगुवाई श्रेयस के हाथ में ही थी। टी-20 और वनडे के बाद अब टेस्ट क्रिकेट में भी श्रेयस अय्यर ने शानदार प्रदर्शन किया है, उनके पास उम्र भी है ऐसे में टीम इंडिया में उनका भविष्य उज्जवल है। आईपीएल में बतौर दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान उनकी लीडरशिप भी शानदार चल रही थी, लेकिन मामला तब बिगड़ा जब उन्हें चोट लगी।
चोट के कारण श्रेयस बाहर हुए तो दिल्ली ने ऋषभ को कमान दे दी, लेकिन अचंभा तब हुआ जब श्रेयस की वापसी के बाद भी ऋषभ को ही कप्तान बनाए रखा गया। अब श्रेयस अय्यर दिल्ली कैपिटल्स से अलग हो गए हैं, क्योंकि वो लीडरशिप रोल में आना चाहते हैं। श्रेयस अय्यर के पास बेहतरीन बल्लेबाजी स्किल्स हैं, उम्र है और कप्तानी में बेहतरीन प्रदर्शन का रिकॉर्ड है, ऐसे में टीम इंडिया के लीडरशिप रोल में वो भी रेस मे है।