दक्षिण अफ्रीका से भारत आये ओमिक्रोन का कहर लगातार फैलता जा रहा है। यह covid 19 से भी ज्यादा संक्रामक है। इसकी भयानकता को देखते हुए हैल्थ एक्सपर्ट्स ने इससे बचाव के उपाय बताए है।
ओमिक्रॉन के साथ-साथ कोरोना के मामले भी बढ़ने लगे हैं। आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में उछाल आने वाला है। भारत में वैक्सीनेशन के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। ओमिक्रॉन इतना खतरनाक है कि वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी को भी चकमा देने में महिर है इसलिए अब देश में बूस्टर की भी मांग तेज हो रही है।
सावधानी :
ओमिक्रॉन से बचाव में मास्क लगाना, सही वेंटीलेशन रखना और वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना जरूरी है।
घर से अति आवश्यकता होने पर ही बाहर निकले।
AIIMS के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अब तक मिले डाटा के अनुसार ओमिक्रॉन में हल्की बीमारी के ही लक्षण दिख रहे हैं। अभी हमें इसके बारे में और डाटा चाहिए। जैसे-जैसे मामले बढ़ेंगे हमें इसके लक्षणों के बारे में और जानकारी मिलेगी। ओमिक्रोन ज्यादा संक्रामक है और इससे बचाव में दो चीजें बहुत जरूरी हैं। एक वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना और दूसरा है कोविड नियमों का पालन करना।
बूस्टर :
पैथ लैब्स के निदेशक डॉक्टर समीर भाटी ने कहा, ‘भारत में वैक्सीन की इतनी संख्या है कि फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर लग जाए। अभी कई लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगी है लेकिन हेल्थ केयर वर्कर्स को तीसरी डोज दिया जाना बहुत जरूरी है।
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी.के. पॉल ने कहा कि भारत में बूस्टर डोज पूरी तरह वैज्ञानिक निर्णय होगा। जरूरत और समय के हिसाब से लोगों को बूस्टर दिए जाने पर विचार किया जाएगा।
दिल्ली के ILBS अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर एस के सरीन ने कहा, ‘मेरी राय में,, बूस्टर बहुत जरूरी है. जब आप किसी वैक्सीन की दो डोज लेते हैं तो आपका सुरक्षा स्तर, विशेष रूप से 3 से 6 महीने के बाद कम होता जाता है। तीसरी डोज या बूस्टर के बाद गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम हो जाती है.’
पर्यटन पर रोक :
ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फिलहाल पर्यटन को रोक देने मे ही भलाई है।घूमने फिरने से ज्यादा अभी इस बीमारी से बचाव पर ध्यान देना जरूरी है