संगरिया । उपचुनाव में मिली हार और विधानसभा चुनाव सिर पर देखते हुए राज्य सरकार ने बजट घोषणाओं में जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया है।
प्रदेश कांगेस कमेटी संदस्य शबनम जी गोदारा ने कहा कि लघु- सीमांत किसानों के केवल सहकारी समितियों के पचास हजार के फसली ऋण माफ करने से राहत नहीं मिलेगी क्योंकि केसीसी की एवज में किसानों की जमीनें बैंकों के रहन है जिन्हें माफ करने की मांग पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
बार-बार मांग के बावजूद गेहूं पर बोनस और कांग्रेस सरकार के समय शुरू की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाने की घोषणा नहीं की गई। संगरिया के मीरा कन्या महाविद्यालय का सरकारीकरण बहाल नहीं करना जन भावनाओं से खिलवाड़ है। किसानों-गरीबों के लिए एकमात्र राहत की बात यही है कि यह इस सरकार का आखिरी बजट है और जनविरोधी सरकार का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है।